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FDI को निष्क्रीय करने में सहयोग दें...

 

हमारे देश की सरकार FDI को देश में लाने का कार्य कर रही है| क्या है FDI ? एक तकनीक, जिसका सहारा लेकर Wallmart जैसी कंपनियाँ, आम नागरिकों को बहकाते हुये, देश मे व्यापार कर रहे छोटे उद्यमियो के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुये, अपने छल, बल और धन से आम छोटे उद्यमियो को बर्बाद करने का एक जरिया|

एक जमाना था जब हमारे देश में मुगलों का शासन हुआ करता था और अंग्रेजों ने देश में कदम रखा था, शुरूआत तो की थी अंग्रेजों ने एक व्यापारी के रूप में, एक तकनीकी माध्यम है इन लोगों के पास व्यापार करने का, जिसे हम इनकी कूटनीति भी कह सकते हैं कि परिवार के एक सदस्य को बेचने वाली वस्तु की चमक दिखाई जाये और उस सदस्य को कुछ इस तरीके से Motivate किया जाये कि वह सदस्य ही इन अंग्रेजो के माल को बिकवाने का जरिया बन जाये और आम इंसान इस तकनीक की चमक में खोते हुये उस सदस्य की बातों में आता चला जाये, जिस बात का फायदा उठाते हुये अंग्रेज  अपने व्यापार को पूरे देश में फैलाते चले गये, परिणाम पूरा देश इन अंग्रेजों का गुलाम बन गया| आज भी बिलकुल इसी तरह के हालात पैदा किये जा रहे हैं और हम FDI (Wallmart) की उस तकनीक जिसकी चमक दमक में हमारे देश का मध्यम वर्ग व मध्यम उच्चवर्गीय परिवार पूरी तरह खो सा गया है|

यह FDI दे क्या रहा है, इस देश को? सिर्फ एक तकनीक जिसमें वह यह बता रहा है कि दो पैसे की धनिया को पौलिश मार कर सजा कर कैसे पेश किया जाये? जिससे आम नागरिक उसकी चमक को देख कर महँगे दाम पर बिना मोल-भाव करे कैसे खरीदे? यह खरीदने का मुख्य कारण है हमारे देश में मौजूद मध्यम वर्ग व मध्यम उच्च वर्ग का आम व्यापारियों के ऊपर भरोसा न होना क्योंकि आज हर दूसरा व्यापारी बेईमानी करनें में संलग्न है, मिलावट करता है, ग्राहको के साथ उसका व्यवहार ठीक नहीं है, व्यापारी की गलती होने के बावजूद वह ग्राहक से अभद्रतापूर्ण व्यवहार करता है| किसी भी प्रकार की पारदर्शिता नही बरतता, जिससे ग्राहक संतुष्ट रहे व व्यापारी पर भरोसा कर सके, ग्राहक के पास समय नही है कि वह हन व्यापारियों से वाकयुद्ध या मुकदमे बाजी करके अपना हक प्राप्त कर सके, ग्राहक की इसी कमजोरी को FDI और wallmart जैसी कंपनियों ने पकड लिया है और यही वजह इन कंपनियों को देश में पाँव जमाने में सबसे बडी भूमिका अदा करने वाली है| एक परिवार में अगर सदस्य असंतुष्ट है तो एक सदस्य को चमक दमक और धन का लालच दिखाकर बडी आसानी से अपनी तरफ किया जाता है और यही रास्ता FDI ने इस्तेमाल किया और सरकार से अधिकार प्राप्त कर लिया|

हम FDI को कैसे निष्क्रिय कर सकते है? जैसा कि ऊपर कहा गया है कि व्यापारियों द्वारा भूतकाल में किये गये कार्यों की वजह से आम आदमी का उन

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टिप्पणी
danish khan 23/08/2013
सत्ता के लिए इस देश के नेता किसी भी स्तर तक गिर सकते हे ,देश की करोडो जनता के साथ आजादी नाम की लड़ाई के लिय 1947 के पहले ही धोखा करते रहे, सत्ता का हस्तांतरण करके( 545 के सदन में 543 का चुनाव और 2 मनोनीत अंग्रेज आज भी क्यु सदन के सदस्य हें ?) देश की जनता को धोका देकर आज भी अंग्रेजो के 1860 के कानून , पुलिस एक्ट , भूमि एक्ट , निरंकुस सत्ता , जाति, धर्म के नाम पर बट्बारा, आम आदमी को कानून और पुलिस से भयभीत करके, अकारण तारीख पर तारीख जिसका कोई ओचित्य नहीं, न्याय से बंचित रखने का षड्यंत , भ्रष्ट लोगो को जाँच और कानून के नाम पर आजीवन संरक्छन, अपराध और भ्रस्टाचार के आरोपी चमचो को सत्ता की मलाई में भागीदारी, किधर हे आजाद देश ?,और जनतंत्र ? पूरी तरह राज तंत्र हें I जनता जिसे भ्रष्ट और गुंडा लुटेरा जनबिरोधी देख कर चुनाव में हरा भी दे उसे राज्यसभा और बिधान परिसद ,आयोग के चेयरमेन बना कर मंत्री का दर्जा जिससे जनता हतोत्साहित होकर मज़बूरी में उस भ्रष्ट को नेता मानने को मजबूर हो, ये आजाद लोकतंत्र नहीं भ्रष्ट राजतंत्र हें,?
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vanish kumar 24/08/2013
कोइ भी विदेशि कम्प्नि अगर भारत मे आयेगी तो शुरु मे इन्वेस्त्मेन्त्त जरुर होगा लेकिन उसका असली मक्सद सिर्फ ओर सिर्फ मुनुफा कमाना होता है ! इस से भारत का बहुत बदा नुक्सन हो्गा किर्प्या करके इस को न होने दे भारत को बचाने मे सहयोग दे
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amit 24/10/2013
यह सब भारत को बर्बाद करने का प्रयास है. इसे रोको
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Lachman Dass Kalyan 25/10/2013
koi bhi bahar ki kampni yahan nahi honi chahia aur bharashtachar smapat karne ke liye janlokpal jaisa kanun hona chahia aur desh me parti viakti aaye sunishchit honi chahia aur padaai likhai aur school sena ke adhin hone chahia partiak ko 15 varsh sena me rakhna chahia private sector to hona hi nahi chahia sab hi sarkar ke adhin honi chahia chahe fectory ho ya jmeen ya mkan jai Anna jai hind sarkar chunav me bhi sudhar kare galat viakti ko vapish bulane ka bhi adhikar jnta ke pas hona chahia kam ka molik adhikar hona chahia aur desh me jatipartha nahi honi chahia sare kanun nagrik ke anusar hone chahia na ki dharam aur jati ke anusar 5 sal tak bacha ma ke pas ushke bad sarkar ka hona chahia
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bharat maa ka sepahe 05/07/2014
Arar modi aise bhul kar rahe hai to unhe is baat ka smaran rehna chaheye ke agar janta unka raj tilak ker sakte hai to waqt aane per ise desh ko bachane ke leye rakh me mila bhe sakte hai. Ata mere gujarish hai ke hamare logo se na khela jaaye aur ke thos prawadhan ke antargat fdi per phaisla liya jai. JAI MAA BHARAT 🇮
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???? ???? 29/08/2014
हमारे देश की सरकार की सोच है कि अगर एफडीआई को वे भारत में लायेंगे तो इससे कम्पिटीशन बढेगा जिससे ग्राहकों को सस्ते दामों पर उत्पाद मिल सकेंगे। लेकिन इन बेवकूफों को कोई जाकर समझाओ कि कम्पिटीशन बराबरी वाले के साथ होता है ना कि अंबानी और एक छोटे से सब्जी बेचने वाले के बीच।
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Nihal Verma 29/01/2015
हमारे देश के गरिब किसनो से खरिद कर हमे बे्चा जता है फायदा तो विदेशि कम्पनियो को होता है और किसान भुखे मर ्रहे है
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???? ???? 13/11/2015
जयश्रीराम मित्रो हम अपने नागरिक अधिकार का प्रयोग करके जनविरोधी कार्य रोक सकते है मै अपने गाव वासियो व देशहित मे कार्य कर रहा हू
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Ashwini Kumar 17/11/2019
सही कहा आपने, सिर्फ रिटेल ही नहीं, अन्यक्षेत्रों से भी जम कर धन लुटा जा रहा है।
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Abdul karim Abdul Rahim 17/11/2019
देश मे देशहितमें कानून हो रोज़गार और शांति हो और सभी देशवासियों में प्रेम हो ऐसा संकल्प होना चाइये राजनीति में फेरबदल हो लोगों को समझे जाती धर्म पर नही राजनीति करें
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Mahmood Ahmed 06/01/2022
पुरे देश मे कानून नाम की कोई न्याय की कोई भी कुछ भी बचा नही रिश्वत वगैरह कोइ कार्य नही होता
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Avan banjara 01/01/2023
Gpdp bill रद्द करे
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