प्रेस नोट : 06 अगस्त 2016
लुधियाना पुलिस ब्राह्मणवादी विचारधारा के
बाहुबलियों के चंगुल में

सदियों से फैली ब्राह्मणवादी विचारधारा ने इस देश में मौजूद
निम्न जाति के समुदाओं को हमेशा गुलामी व नर्क की जिन्दगी जीने को मजबूर किये रखा
है जिसका परिणाम रहा कि देश कभी एकजुट नहीं रहा, हर क्षेत्र में छोटे-छोटे शासक वर्ग या जमींदार, ब्राह्मणवादी विचारधारा की तर्ज पर चलते हुये लगातार गरीब व निम्नजाति वर्ग का
शोषण करते रहे और उन्हें गुलामी की जिन्दगी जीने के लिये मजबूर करते रहे|
बाबा साहब अंबेडकर की निडरता व पहल ने काफी हद तक संविधान
में बदलाव करते हुये ब्राह्मणवादी विचारधारा को कमजोर किया है मगर पुरखों से मिली
नस्लवादिता की देन ने ब्राह्मणवादी विचारधारा को कभी सामाजिक स्तर पर गांव में तो
झुकने दिया ही नहीं बल्कि शहरों में भी इस विचारधारा के लोग कभी भी नीची जाति के
लोगों के साथ उठना-बैठना या खाना-पीना गंवारा नहीं करते बल्कि तीखी, तल्ख टिप्पणी करके उन्हें नीचा दिखाने का हमेशा प्रयास करते
रहते हैं|
नीची जाति के लोगों को कभी भी ब्राह्मणवादी विचारधारा के
लोग व्यापारिक माहौल में व्यापार करते हुये देखना गंवारा नहीं करते और अगर ऐसे में
नीची जाति के किसी व्यापारी प्रतिद्वंदी को ऊँची जाति के किसी व्यापारी ने व्यापार
में ईमानदारी से चलते हुये नीतिगत फैसले द्वारा जीत हासिल करते हुये देख लिया तो
(जबकि उसकी