प्रेस नोट : 03 सितम्बर 2014
"भ्रष्ट अधिकारियों के रईसज़ादों के असामाजिक तत्वों का कोहराम"

भ्रष्टाचार से प्राप्त पैसों के उपयोग
से प्रभावशाली दबंग, भ्रष्ट नेताओं या अधिकारियों के रईसज़ादों का तांड़व, उनके नाम व
रूतबे का फायदा असामाजिक तत्व या सड़कछाप गुंडे-मवाली हमेशा से उठाते रहे हैं या उठा
रहे हैं| असामाजिक तत्व ऐसे रईसज़ादों या बिगडैल बेटों का उपयोग इनकी चापलूसी करते हुये
अपनी अय्याशी के लिये करते हैं|
संगठन
के पास ऐसा ही एक मामला आया है जिसमें पुलिस महकमे के अधिकारी का एक बेटा खुद की अय्याशी
व नशेड़ी साथियों की आरामगाह के लिये एक कमरा किराये पर लेता है, जब मकान मालिक को पता
चलता है कि किरायेदार उस मकान का उपयोग अपनी अनैतिक गतिविधियों के लिये कर रहा है तो
उससे मकान खाली करवा लेता है मगर किरायेदर के नशेड़ी साथियों को मकान मालिक की यह हरकत
नागवार गुजरती है जिसकी वजह से वे मकान मालिक को जान से मारने की धमकी देते हैं| मकान
मालिक द्वारा धमकी को अनदेखा करने का परिणाम यह निकलता है, कि मकान मालिक के ऊपर जानलेवा
हमला करते हुये उसके मकान में तोड़फोड़ की जाती है|
यह
मामला सुशील कुमार पुत्र श्री. चंद्रभान पाण्डेय पताः मकान नं. 2357, गली नं. 8, आदर्श
नगर, लुधियाना का है, जहाँ सुखविन्दर सिंह(शौकी) उसके मकान में किराये से रहने को आया
था मगर उसकी अनैतिक गतिविधियों को देखते हुये लगभग एक माह पहले उससे मकान खाली करवा
लिया गया जिसका परिणाम उसके नशेड़ी साथियों(गग्गु, सोनू व अज्ञात) द्वारा जानलेवा हमले
के रूप में सामने आया जिसकी शिकायत जब 100 नं. पर की गई तो लुधियाना पुलिस की हालत
यह रही कि पहले तो फोन उठाया ही नहीं गया लगभग 15 मिनट के बाद जब फोन उठाया गया तो
उसके लगभग आधे घंटे बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुँची| इसका मतलब साफ नज़र आता है, कि लुधियाना
पुलिस किस हद तक बेपरवाह व कामचोर है| जब P.C.R. Bike घटनास्थल पर पहुँची तबतक अपराधी,
मारपीट व तोड़फोड़ करके वहाँ से फरार हो चुके थे अगर पीड़ित ने खुद की सूझ-बूझ का फायदा
उठाते हुये खुद को बचाया नहीं होता तो शायद वो अधमरी हालत या मरणासन