प्रेस नोट : 28 जून 2014
क्या
पंजाब बिजली विभाग केवल महत्वपूर्ण व्यक्तियों के क्षेत्रों में ही व्यवस्थित सेवा
प्रदान करने के लिये कटिबद्ध है?

देश में ऐसे कई ईलाके हैं, जहाँ आर्थिक
रूप से कमज़ोर परिवार रहते हैं और प्रभावशाली व्यक्तित्व के लोग वहाँ नहीं रहते, ऐसी
जगह बिजली विभाग केवल कमाई के लिये ही सेवा उपलब्ध करवा रहा है| वर्षों गुज़रने के बाद
भी ऐसे क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था को विभाग दुरूस्त करने की कोई कोशिश नहीं करता
है भले ही वहाँ बिजली के अव्यवस्थित फैले तारों से कोई दुर्घटना ही क्यूँ न हो जाये|
अव्यवस्थित बिजली के तारों की व्यवस्था होने की वजह से बिजली चोरों को बिजली चोरी करने
का मौका ही क्यूँ न मिले| यह बिजली विभाग के अफसरान कभी भी बिना शिकायत या बिना जान-माल
की दुर्घटना के जागते ही नही हैं यदि किसी वी.आई.पी. दर्जे के व्यक्ति की बिजली अगर
2 मिनट के लिये भी बंद हो जाये तो यह अफसरान उसकी जी-हुजूरी के लिये गरीब जनता के क्षेत्र
की बिजली बंद करना मुनासिब समझेंगे मगर उस अकेले बाहुबली वी.आई.पी. की बिजली 2 मिनट
के लिये भी बंद नहीं होने देंगे अगर गलती से हो गई तो पांव पकड़ कर माफी माँगना अपना
फर्ज समझेंगे| हालत यह है कि, जिस क्षेत्र में बिजली व्यवस्थित तरीके से सप्लाई हो
रही होगी, वहाँ पर उसको दुरूस्त करने के लिये करोड़ों रु. खर्चा कर दिये जायेंगे मगर
गरीब जनता के क्षेत्र में बिजली के तार बैठाने के लिये भी बिजली का खंभा लगाने की व्यवस्था
करने की अपेक्षा पैसा बचाते हुये मकान मालिकों के घरों में ही सीधे बिजली का तार लगा
देते हैं| इतना ही नहीं, अगर बिजली विभाग द्वारा लगाये गये इन अव्यवस्थित तारों की
वजह से कोई तार जल या कट जाता है तो उसे बदलवाने के लिये भी वहाँ के नागरिकों से ही
कहा जाता है| इन मकानों से खतरनाक तरीके से आस-पास के घरों में बिजली सप्लाई करने की
व्यवस्था बिजली विभाग द्वारा की जाती है(तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है)| जिसके
परिणामस्वरूप व्यवस्थित तरीके से बिजली सप्लाई ना किये जाने की वजह से हल्का सा भी
हवा का झोंका या बारिश की बौछारें धमाकों के साथ दिवाली मनाने का कार्य शुरू कर देती
हैं और बिजली उपभोक्ताओं के बिजली के तारों को जला कर नष्ट कर देती है|
कई बार तो काम करते मजदूरों की नासमझी
क्षेत्र की बिजली