दहेज की वजह से कब तक प्रताड़ित होती रहेंगी महिलायें
?

दहेज लोभियों की इंतहाँ... बिजली का करंट देने से भी नहीं चूके!
देश की सामाजिक कुरीति, समाज के नाम पर एक कोढ़, दहेज रूपी दानव महिलाओं
को इस कदर आतंकित किये रहता है कि इस कुरीति का आतंक मायके-पक्ष को भी सालों साल झेलना
पड़ता है| इस मामले में महिला के साथ उसके सास-ससुर, देवर, जेठ-जेठानी ने इस कदर शारीरिक
व मानसिक प्रताड़ना दी कि कोई भी साधारण महिला उसे बर्दाश्त नहीं कर सकती थी| पति ने
तो इन्तहाँ ही कर दी महिला को प्रताड़ित करने के लिये बिजली का भी उपयोग किया और 2 बार
करंट लगाया गया| पूरा विवरण जानने के लिये पढ़ें :
देश में दहेज
नामक एक सामाजिक बुराई ने सदियों से महिलाओं का जीना हराम कर रखा है| महिलाओं को लोभी
परिवारों ने धन उगाही की मशीन समझ रखा है जिस परिवार की बहुओं के मायके-पक्ष की आर्थिक
क्षमता ससुरालवालों की दहेज लोलुपता को संतुष्ट नहीं कर पातीं उस परिवार में बहुओं
का हाल बेगारी करनेवाली एक गुलाम से भी बद्तर होता है| आत्म-सम्मान की बात का हक उनके
लिये कोई मायने नहीं रखता हर वक्त गालियों व मानसिक प्रताड़ना के साथ-साथ शारीरिक प्रताड़ना
का भी खामियाज़ा इन लोगों को भुगतना पड़ता है| दहेज रूपी दानव की वजह से हालात यह है
कि अच्छी खासी पढी-लिखी बहु भी शोषित होने से खुद को बचा नहीं पाती| महिलाओं की सुरक्षा
के लिये बनाये गये कानून का फायदा यह महिलायें लेने में हिचकती हैं क्योंकि पुलिस प्रशासन
का भय समाज के हर तबके में बुरी तरह व्याप्त है, जो दबंगों व पैसेवालों के चौखट की
जी हुजूरी करता रहता है जबकि गरीबों व सीधे-साधे इंसानों के लिये भय का माहौल पैदा
करता है| इसी कारण शिक्षित महिलायें भी उन पर हो रहे शोषण की शिकायत करने की अपेक्षा
शोषित होना अपना धर्म मान लेती हैं| जिसका परिणाम है कि दहेज के लालची परिवारों के
हौसले बुलन्द रहते हैं ऐसा ही एक मामला श्रीमती ______ कौर पत्नी श्री. ओंकार सिंह(वासी-
न्यू पुनीत नगर, गली नं. 1, लुधियाना) का आया है जिसमें
लड़की की शादी के समय ससुराल पक्ष ने बिना दहेज के शादी करना स्वीकार किया मगर शादी
के तीन महीने तक तो सब कुछ ठीक रहा उसके बाद जैसा कि दहेज-लोभियों की प्रवृत्ति रहती
है वह इस परिवार में भी सामने आना शुरू