ज़रूरत
है, रोज़गार के लिये दूर राज्यों में जाने वालों के परिवार व पारिवारिक संपत्ति के संरक्षण
में प्रशासकीय सहयोग की
हमारे देश में गरीबी और रोज़गार
की हालत ऐसी है कि आम इंसान को रोज़ी-रोटी की तलाश में अपना घर-परिवार, गाँव छोड़कर दूर
प्रदेश के शहरों में जाना पड़ता हैं| ऐसी स्थिती में गाँव परिवार की वह संपत्ति जिसपर
उनका पुश्तैनी हक रहता है उसकी देखभाल और पैदावार की जिम्मेदारी परिवार के दूसरे सदस्यों
अथवा नज़दीकी मित्रों या रिश्तेदारों के हवाले करनी पड़ती है मगर रोज़ी-रोटी के इंतज़ाम
में अधिकांशतः परिवार इस कदर डूब जाते हैं कि उन्हें पुश्तैनी मकान में रहने वाले माँ-बाप
या परिवार जनों के पास सिर्फ Money Order भेजने के अलावा कोई दूसरे विषयों पर ध्यान
नहीं दे पाते, जिसकी वजह से गाँव में क्या हो रहा है? परिवार में आपसी समन्वय है या
नहीं इन सब बातों में वे अंधेरे की स्थिती में रहते हैं जिसका फायदा उठाते हुये परिवार
के कुछ सदस्य या दोस्त पारिवारिक अंदरूनी जानकारियों का गलत उपयोग करते हुये गैर-कानूनी
रूप से ऐसे परिवारों की संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने की कोशिश करते हैं या कर लेते
हैं, इसके लिये वह घिनौने तरीकों का उपयोग करने से भी नहीं चूकते, माँ समान भाभी के
साथ अश्लील शब्दों व हरकतों का इस्तेमाल करते हैं, बेटी समान भतीजों व भाँजियों को
भी गन्दी-गन्दी गालियाँ देते हैं इस प्रकार की हरकतें व उकसाने वाला काम करते हैं कि
सीधा-सीधा आम इन्सान भी क्रोधित अवस्था में पहुँच जाता है और फिर परिणामस्वरूप मारपीट
व उत्पात मचाने का काम कर बैठता है जिससे गलत फायदा उठाने वाले शख्स को मौका मिल जाता
है सामने वाले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुये जेल भिजवाने का|
ऐसे हालात आज
हमारे देश में सब जगह व्याप्त हैं, जरूरत है प्रशासकीय व्यवस्था को ऐसी स्थिती पैदा
होने से पहले ही कानूनी सहायता ऐसे परिवारों को उपलब्ध करवाने की, जिससे परिवार के
बीच का आपसी मेल-मिलाप, छोटी सी गलतफहमी की वजह से ऐसी स्थिती में न पहुँचनें पायें
कि दुबारा यह परिवार आपस में मिलने की सोच भी न पाये| हमारी प्रशासकीय व्यवस्था ऐसी
परिस्थितियां बनने की स्थिती पर ध्यान दें तो देश में मौजूद लाखों मुकदमे कुछ ही समय
में अदालतों से गायब होते चले जायेंगे और नये मुकदमे दर्ज होने की गति लगभग न कि स्थिती
में पहुँच जायेंगी|
संगठन के पास
दरभंगा जिले के "लगमा राम भद्रपुर" गाँव का मामला आया है जिस मामले में शिकायतकर्ता
के भाई चंद्रकान्त ठाकुर ने अपनी भाभी श्रीमती चंद्रकला ठाकुर के
साथ अश्लील शब्दों का खेल खेलते हुए सार्वजनिक
रूप से जलील करने की को